Desi Ghee Ka Business: शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के लिए देसी घी काफी कारीगर साबित होता है। क्योंकि देसी घी एक ऐसा डेरी प्रोडक्ट है जिसे खाने से काफी पोषण मिलता है।
क्या आपको पता है की हमारे देश में देसी घी खाने का रिवाज प्राचीन काल से चला आ रहा है। और आज भी होता है ( भारी मात्रामें होता है )।
किसी भी स्वादिष्ट मिठाई को बनाने के लिए देसी घी का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा सुंदरता बढ़ाने और ट्रीटमेंट के लिए भी देसी घी का उपयोग किया जाता है।
इसके साथ-साथ देसी घी का उपयोग पूजा और हवन में भी किया जाता है।
यानी देसी घी का उपयोग सारी चीजों में होता है। जिस वजह से इसकी डिमांड काफी ज्यादा है। और ऐसे में इस बिजनेस को करना फायदे का सौदा हो सकता है।
देसी घी को डिमांड, ग्रामीण इलाकों में तो होती ही है साथ ही शहरों में भी होती है।
तो चलिए आज के इसलिए की शुरुआत करते हैं और घी बनाने के बिजनेस के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Desi Ghee Ka Business – कच्छा माल
देसी घी का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको कोई ज्यादा कच्चा माल की आवश्यकता नहीं होगी, बस दूध की।
दूध के लिए Supplier को ढूंढे
देसी घी बनाने के बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको काफी मात्रा में दूध की आवश्यकता होगी। तो ऐसे में अगर आप पहले से ही पशुपालन का बिजनेस करते हैं तो आपके पास दूध का इंतजाम हो जाएगा।
लेकिन अगर आप इस बिजनेस में नए हो और पहले से पशुपालन बिजनेस में भी नहीं हो तो आपको इस बिजनेस को शुरू करने के लिए दूध के सप्लायर को ढूंढना पड़ेगा जो आपको दूध प्रदान कर सके।
देसी घी का बिजनेस – License
- Business Registration
- GST Number
- FSSAI License
- Trade License
- MSME Aadhar Udyog Registration
देसी घी बनाने का बिजनेस – मशीन
- क्रीम सेपरेटर
- मिल्क पेस्टराइजर
- क्रीम पेस्टराइजर
- बटर मेकिंग मशीन
- बटलर मेल्टिंग सिस्टम
- प्री स्टेरिफिकेशन टैंक
- घी बॉयलर
- घी क्लारीफायर
- घी फिलिंग और पैकेजिंग मशीन
Desi Ghee Ka Business – जरूरी उपकरण
- क्रीम स्टोरिंग टैंक
- घी स्ट्रिंग टैंक
- घी सेटलिंग टैंक
- मिल्क स्टोरेज टैंक
देसी घी का बिजनेस – प्रक्रिया
- सबसे पहले दूध खरीद कर लाया जाता है।
- फिर उसे स्टोरेज टैंक में डाला जाता है।
- फिर मिल्क पश्चराइजर की मदद से इसे पश्चराइज किया जाता है।
- अब क्रीम सेपरेटर की मदद से क्रीम को अलग किया जाता है।
- फिर उसे भी पश्चराइज किया जाता है।
- इसके बाद पश्चराइज क्रीम को बटर मेकिंग मशीन में डाला जाता है।
- उसके बाद इसे बटर मेल्टिंग मशीन में डाला जाता है और माखन को पिघलाया जाता है।
- फिर उसे बॉयलर में भेजा जाता है।
- अब बॉयलर में लगातार गर्म होने की वजह से घी बन कर तैयार हो जाता है।
- अब उस तैयार घी को, घी प्यूरीफायर की मदद से साफ किया जाता है।
- फिर उसे घी स्ट्रिंग टैंक में भेज दिया जाता है।
- फिर इसे घी फिलिंग और पैकेजिंग मशीन की मदद से पैक कर लिया जाता है।
Desi Ghee Ka Business – लागत
इस बिजनेस के लिए आपको 3 से 4 लाख रुपए की आवश्यकता। जिसमें कच्चा माल, मशीन, जगह, मार्केटिंग, लाइसेंस आदि का खर्चा होता है।
लागत इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप इस बिजनेस को किस स्तर पर करना चाहते हो छोटे स्तर पर या बड़े स्तर पर।
Desi Ghee Ka Business – कमाई
1 किलो घी की कीमत 700 से 1500 रुपए तक होती है। अगर आपका घी अच्छा होगा तो आप प्रति किलो में ₹150 रुपए तक का मुनाफा कमा सकते हो।
और अगर आप पूरे दिन में 30 से 50 किलो भी देसी घी भेज देते हो तो आप दिन के 4500 से 7000 रुपए कमा सकते हो। ( कम भी हो सकता है )
और इस हिसाब से अगर महीने की बात करें तो एक अंदाजे के हिसाब से 1.5 से 2 लाख तो कमा लेंगे।
देसी घी का बिजनेस – Conclusion
जैसे कि हमने ऊपर जाना की, हमारे देश भारत में देसी घी खाने का रिवाज प्राचीन काल से चला आ रहा है। और आज भी होता है। क्योंकि ये चीज ही ऐसी है। पोशन से भरपूर।
तो इसका बिजनेस करके अच्छी कमाई कर सकते हो क्योंकि इसके डिमांड भी अच्छी है।
बाकी इस बिजनेस से संबंधित सारी जानकारी हमने आपको प्रदान कर दी है। जानकारी को अच्छे से पढ़े और समझे।
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Disclaimer
यह लेख ( देसी घी का बिजनेस ) बिजनेस आइडिया के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए लिखा गया है। हम आपको कोई बिजनेस शुरू करने के लिए कोई सलाह नहीं दे रहे है।
इस लेख में लागत और मुनाफा के जो नंबर है वो गलत भी हो सकते है. यदि आप किसी बिजनेस को शुरू करने में रुचि रखते हैं, तो आपको एक अनुभवी व्यवसाय सलाहकार से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।
धन्यवाद !!!